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Amazing
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Posted on 05-23-08 3:20
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-चौतारी - ११७
चौतारी मा यहाँलाई स्वागत छ!
चौतारीका दौतारिहरुमा समर्पित
ना कोइ था ना कोइ है जीन्दगिमे तुम्हारी शिवा
तुम दे ना साथ मेरा ओह चौतारी तुम दे ना साथ मेरा ओह दौतरि
---BREAKING NEWS------
-हराएको भौते जुरेलीसँग पाइखानामा -ठुलि पोइला, साझामा रुवाबासी -चित्रेले चित्रेनी पायपछी चौतारीलाई बाल मतलब -राहुलदाइको जन्मदिन्मा मम भनेर काँचो पिठो खुवाएकोमा आन्दोलन -रिट्ठेलाई पोखरिमा धकेलियो, अहिले सल्मान खान ICU मा -लहरे र पर्बतेमा टास्टुस शाखा सम्बन्धी मुखामुख -जीम्माल बा यो बुढो उमेरमा पनि, लाज पचाउदै जेपिटी
(विश्वको प्रथम र अनुपम ईन्टरनेट आशु-नाट्यमञ्च)
हाँसो ठट्टा र खुसी बाँड्दै, र मुक्तक, कविता, गजल, कथा आदिमा रमाउँदै अनेकन उकाली ओरालीहरु पार गरेर हामी चौतारीको ११६ औं
संस्करणमा आइपुगेका छौं। अहिले यस चौतारी सिमाना पूर्व मेचीबाट बढेर
जापानसम्म पुगेको छ भने पश्चिम महाकालीबाट बढेर अमेरिकासम्म बढेको छ। अत
एव, सधैं घाम लागिरहने पनि यस चौतारीको विशेषता हो। यस्तो चौतारीमा
पाल्नुहुने तपाईंहरुलाई कोटी कोटी स्वागत छ।
"जात,धर्म्,लिंग,राजनिति,भाषा,ब्यक्तिगत
रिसइबीमा जस्ता कुरालाइ तिलाञ्जली दिएर मात्रै 'हामी नेपाली' हौ भन्ने र
एकआपसमा मित्रभावले रामाइलो गर्न आउनेहरुलाइ चौतारीको बर-पिपल ले हार्दिक
स्वागत गर्छ"
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लौ बसुम यही चौतारीमा
Chautari (Chow-tar-ee):
(World's first and finest internet IMPROV in Nepali language)
Meet the world's finest school teacher, unbeatable students, mischievous senior citizens,
wildest , vacationing revolutionaries, rethinking moderates, instant
dreamerspoets, gifted story-tellers, pot smokers, alcoholics,
workoholics, home-makers, pretty damsels, fierce contenders,
homelanders, laa-hoo-rays, all on the stage of Chautari of Sajhaland.
*गोताएँ दाइको ब्लग *नमेको भेला हुने अड्डा
*ईश्वरजीको ब्लग
Last edited: 23-May-08 03:47 PM
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dipika02
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Posted on 06-03-08 9:05
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सान्ननि तेत्रो उकालो चडेर आउनुभएछ ल चिया लिनुस।
रिट्ठे, चेलि र राहुलदाइ अनि पछि हाजिर हुन आ उने सबै गाउलेहरुलाइ शुभ प्रभात।
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ritthe
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Posted on 06-03-08 9:12
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>>> रिठे काणा- " भाई वो रस करके रंगका उस्ताद तो पहलेइच से था पन अब कोइ गालि वालि देनेवाले गैंगका भाइ बनगेला है!"<<< >>> गन्नुभाई- "हाँ अब ठिक है, बोल् किता बडा बनगेला है वो बिना गोटिके कैरम?"<<< >>> रिठे काणा- " भाई वो चौतारी गलीसे अपुन सबको उठाके लायेंगा भाई, पन वो बसन्तीको छोड दो ना भाई!"<<<
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Pretty
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Posted on 06-03-08 9:15
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ritthe
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Posted on 06-03-08 9:16
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नमस्ते दीपीका जी, लोल !मैले सान्ननीलाई जुन चिया दिन्छु भनेको दीपीका जी ले पनि तेइ ल्याउनु भएछ ! नपत्याये हेर्नुस् यि
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Rahuldai
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Posted on 06-03-08 9:17
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तारेमाम, रित्थे, सान्नानी, बिर्खे जिम्माल, दिपिका सबैमा गन्नु भाय को कृपा दृष्टि परोस भनी तारेमाम ।
लोल जिम्माल लोल, गन्नु महात्म्य धमाकेदार गयो। बिचरा, सेरिल लंगडा माथि यस्तो वक्र दृष्टि? कुछ तो रहेम करो भाय, अपुन का बिरादर है।
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serial
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Posted on 06-03-08 9:22
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dipika02
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Posted on 06-03-08 9:23
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कती बाठो रिट्ठे, मैले बनाएर सान्नानि को छेउमा राखेको चिया त खुरुक्क पछाडि बाट लिएर गएछ, सान्नानि चै चिया खोजेको खोजेकै। मैले तेहिँ रखिदेको भन्छु पत्याउने होइन अहिले त खुसुक्क चिया राखेर मैले पनि तेही चिया बनाको रे
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ritthe
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Posted on 06-03-08 9:24
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अरे तारेमाम राहुलभाइ, एक बात् अप्पन के भेजे पे नही घुसा वो कल का छोकरा सेरिअल लंगडा और आप जिसका म:म बनाया हुवा एक्स्पेरिऐन्स हि काउन्ट करेङे तो साला ३६ पहुचेगा ! चिलिम विलिम इधर उधर करके तान तुन के और भि साला २०-२५ बरस् तो हो हि जाएगा, पर वो लंगडे कैसे आपका बिरादर हुवा? ये बात् थोडा नही घुस्रेएला है अप्पुन के भेजे पे
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Pretty
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Posted on 06-03-08 9:31
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थ्यान्क्स फर द टि दिपिकाजी
जिम्माल बाजेले हसाएर कस्तो सर्क्यो चिया नै। कती हसाउन जान्या होला बुढाले, "बिना गोटिके कैरम" रे कती आउने रैछ कुरा नि।
रिठ्ठेले ल्या चिया नि मै खान्छु है, अरुले आँखा नलाओ। हिजो फस भाको गणितको जाँच्मा म।
मारे पाप पाले पुण्य भन्दै याम्मान्को राँगो द्याछन पुरस्कार गुरुबाले, म त तेत्रो राँगोलाई के गर्नु बोक्नु न टोक्नु जस्तो भा छ ल यही चौतारी मै बेच्नु पर्ला जस्ले धेरै दाम दिन्छ उसैको हुनेछ ल जिन्दगी भरी मोमो खान पुग्ने, स्वादिस्ट मासुको धनी रांगो बिक्रिमा छ। दाम लगाओ ल साथीहरु।
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ritthe
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Posted on 06-03-08 9:31
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लौ हेर, मैले पैला बनाको चिया उता गन्नु माहात्मय पढ्न थालेर दिन मात्र ढिलो भको हो त ल ह्या छ फोटो पनि कती बजे मैले त्यो फाइल सेव गरेको भनेर-- हाम्त सबुत प्रमाण शहीत आम्छम साथी
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बिस्टे
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Posted on 06-03-08 9:42
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गूड् मर्निङ चौतारी, मंगलवारे गनपतिय जदौ। सुकुलमा बस्ने,पर्खाल मा बस्ने, डिल मा बस्ने,रुखमुनी बस्ने सप्पै लाई तारेमाम। सम्धी ज्यु ले गन्नु पुरान बाचन गर्न थाली सक्नु भएछ--->
रिट्ठे को मनमा लाग्या कुरा खुलस्त खुलाइदिनु भएछ,सजिलो भो नि त रिट्ठे लाई -- कसो रिट्ठे --
हेँख हेँख हेँख भाई, वो अपुनको शरम आति है न भाई बोलनेको हेँख हेँख हेँख!" " भाइ अब्बि तक बोल नहिँ सका है अपुन, मवालि है न भाई अपुन, तो बोलनेको डर लगरेला है! पन उसको उठानेको दिल नहिँ किया अपुनका!"
" अबे, धपाकसे आई लाँव यु बोलनेका, छोकरी पटि तो पटि नहिँ तो उठाके लानेका, गन्नुभाईके छोकरा लोगको डरनेका नक्को! समझा तु?"
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Rahuldai
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Posted on 06-03-08 9:45
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ओहे काणे तेरे दिमाग मी जुस के बद्लेमे भुस भरले क्या? ओह लंगडा बचपन मे खो गाई रेले, तभी सि उमर पचपन्न भिर भि बचपन माफिक रेले।
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ritthe
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Posted on 06-03-08 10:05
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लो कर्लो बात् ! छोडदिया ना 'तारेमाम' यहाँ पर ! ऐसेच बोलनेका था ना राहुलभाय, "ओहे काणे तेरे दिमाग मी जुस के बद्लेमे भुस भरले क्या? तारेमाम " चल् चल् धन्दे कि बात कर !>>>ओह लंगडा बचपन मे खो गाई रेले, तभी सि उमर पचपन्न भिर भि बचपन माफिक रेले। <<<अप्पन के भेजे पे अब घुस्रेएला कि लंगडेको उसका फौरन दोस्त सब काइकु 'व्हाट'स अप गाई?' बोलरेएला था उश दिन ! अब समझ मै आगएला है कि लंगडे गल्ती से आदमी वाला गैङ मै आगया !
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Rahuldai
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Posted on 06-03-08 10:09
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ritthe
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Posted on 06-03-08 10:17
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अरे ओ बिस्टे भाय, क्या हाल बना रख्खा है ये? कुछ लेते क्यु नही? बोले ते गुल्कोज डी लेनेका और एकदम फिट रहेनेका अप्पन कि तरह ! >>>रिट्ठे को मनमा लाग्या कुरा खुलस्त खुलाइदिनु भएछ,सजिलो भो नि त रिट्ठे लाई -- कसो रिट्ठे --<<< बोलेतो वो खुलस्त उलस्त बाला कोइ बात् नही है रे भाय ! अप्पनका जि मै जो आएगा वो बोलडालेगा तुरत ! लेकिन बात् ये है कि अप्पन किस किसको बोल डालेगा रे? अब अप्पन सोच रहेला कि एक प्रेस बिग्यप्ती निकाल्के और होलसेल मै सबको एक हि बार बोल्नेका ! हेँख हेँख हेँख
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बिस्टे
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Posted on 06-03-08 10:20
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रिट्ठे
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Birkhe_Maila
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Posted on 06-03-08 10:32
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रिठे काणा- " गन्नुभाई! गन्नुभाई!"
गन्नुभाई- " क्या है?"
रिठे काणा- " गन्नुभाई बाहर कोइ छोकरि आएलि है!"
गन्नुभाई- " छो..छोकरी?"
रिठे काणा- हाँ भाई, और साथमे एक भैँस है!"
गन्नुभाई- " इसकि जात का पैदा मानु, छोकरीके संग भैँस क्या कररेली है?"
रिठे काणा- " भाई भैँसतो मुहमे झाग चबारेली है!"
गन्नुभाई- " अबे खालि बर्तनके ढक्कन, अपुन भैँस क्या कररेली है नक्को पुछा, अपुन पुछा छोकरीके संग भैँस काहे कु?"
रिठे काणा- " भाई अपुनको क्या मालुम, और छोकरी कुछ बोलरेलि थि!"
गन्नुभाई- " और तु सुने बिना इधरको आया?"
रिठे काणा- " भाई अपुन सोचा भाईको खबर करदुँ, पहलि बार कोइ छोकरी अपुनकि अड्डामे आइ है न इसलिए!"
गन्नुभाई- " ठिक है , चल बाहर अपुन भि चलता है, देखेँ छोकरी क्या कररेली है ईधर?"
(सब बाहर जाते हैँ, और बाहर-)
सन्नो - " भैँस ले लो भैस!" " रे बाबुजी भैँस ले लो भैँस!" "पुरे गन्नु गैँग को खिलानेके वास्ते भैँस ले लो भैँस!"
गन्नुभाई- " ए छोकरी! इधर आ!"
सन्नो- " राम राम गन्नुभाई! भैँस ले लो भैँस!"
गन्नुभाई- " ए छोकरी तु कौन है?"
सन्नो- " गन्नुभाई अपुन खन्डालाके सान्नानी है, अपुनको सब लोग बोले तो सन्नो बुलाता है!"
गन्नुभाई- " और ए भैँस तेरे साथ क्या कररेला है?"
सन्नो- "गन्नुभाई अपुन इसको बेचनेके वास्ते आएलि है!"
गन्नुभाई- " अबे छोकरी ये कोइ भैँस बेचनेका ठिकाना है क्या?"
सन्नो- " छोकरी किसको बोला रे तु नासपिटे? भाई होगा छोकरा लोगका होगा, मेरेको सन्नो बुलानेका, नहिँ तो मै शोर मचादुंगी, बडा आया भाई बनने वाला!"
गन्नुभाई- " तेरि.... अपुन छोकरीलोगके उपर हाथ नहिँ उठाता, समझि तु, मेरे से तमिज से बात करनेका! चल छोक...सन्नो बोल, भैँस बेचनेकु काहेको इधरकि आयि तु?"
सन्नो- " हाय रे नासपिटे पुछरेला हैकि मै काहे कु इधरको आयि! मेरे फुटे करम, एक तो उस बुढउ भैँस देके चला गया, उपर से पुछा नहिँ कि कैसे भैँस पालेगि अपुन अकेलि जान! और इधर साला पुरे मुम्बइका भाइ बनगेला गन्नुभाई बोलरेला है कि काहेकु मै इधरको आयि! बडा भाई हुवा तु, साला एक अकेलि छोकरीके भैँस खरिद नहिँ सकता!"
गन्नुभाई- " अबे...बात सुन्, खरिदनेको तो अपुन पुरा मुहल्ला खरिद सकता है क्या! पन बात ऐसि है, कि सला अपुन भैँसका क्या करेंगा?"
सन्नो- " काटके खानेका और क्या करनेका?"
गन्नुभाई- "तु चुप कर छुक देरके वास्ते ठिक है? अपुन छोकरा लोग से बात करके आएंगा ठिक है?
सन्नो- " रोकडा लेके आनेका भैँसका!"
गन्नुभाई- " ठिक है ठिक है!"
बाँकि ब्रेक के बाद
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ritthe
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Posted on 06-03-08 10:44
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लोल ! सन्नो रे अर्को भागको प्रतिक्ष्यामा
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Pretty
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Posted on 06-03-08 10:49
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Rahuldai
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Posted on 06-03-08 10:51
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लोल ! सन्नो रे अर्को भागको प्रतिक्ष्यामा
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